प्यार करने वाले हिसाब नही मांगा करते

प्यार करने वाले हिसाब नही मांगा करते
साथ देने वाले कदमो के साथ जुबां की चहलकदमी कर
एहसान नही जताया करते
उसने तोहमद लगाई कि
मुझे रिश्तों की समझ नही
उसे कौन बताये
मोहब्बत करने वाले
ऊंच नीच की गफलत में सर खपाया नही करते
वो समाज से बड़ा खौफ खाये बैठा है
मुझसे रुठ के
सौ रुस्वाई लिए बैठा है
बड़े दोजख किस्म के ताने है
उनपे खफा हो जाऊं
तो बेवफाई का खिताब लिए बैठा है
कैसे बताऊ कि
इश्क़ किया था मैंने
दुनियावी तिलिसमो से बची थी
तो पाक थी
वो कहता भी है कि
तू पाक हुआ करती थी कभी
अब नही
अब तू बदल गयी
कैसे समझाये कि
हसरतों से लड़ते हुए
काफ़िर हो जाये
तो इबादत का हुनर नही जाया करते
तौर तरीकों में बेशक फर्क होगा वाजिब
पर हर फर्क पे
गैरों सी शिकायत कर
उन्हें कैद कर अल्फ़ाज़ों के ज़जीरों से
मुस्कुराती हुई तबस्सुम नही मांगा करते
इश्क़ करने वाले
कभी हिसाब नही मांगा करते
हुम् भी बेगैरत हो गए
वरना मोहब्बत वाली भी
कभी जवाब में माफी नही मांगा करते
हरगिज़ अपनी इश्क़ को सवाल में तौला नही करते।
*********
उसने गिना दिए हर रोज़ के किस्से
उसका मेरे लिए बाअदब हर इश्क का साफा
बात दिए मेरे हर फक्र को
खालिस एक दिखावा
तौल डाला अपने पैमाने से मेरा इश्क़
मै लड़ पड़ी बेगैरत खुद को सुन
उसने बाइज़्ज़त बेदख़ल कर दिया हर इकरार से
मैं गला फाड़ चिल्लाती रही बेख़ौफ़ गुस्से में
वो लगातार मेरी हिमाकत पे
एक दलील बताता रहा
आखिर में वो बोल उठा
मैं हार गया
और मैं अपने अक्स और चिल्लाने के फर्क को भी न समझा पायी
पिछले दिनों वो धमकी जैसा आया
मै न सन्नाटा रह पायी
न चिल्ला पायी
न उसे रोक पाई
न खुद जा पायी
वो फक्र से कह गया
कि मैं ही बेवकूफ हु
के
प्यार किया था तुझे
शायद इसलिए हिसाब मांग रहा
मैं पेज खोल इतना ही लिख पायी
कि प्यार करने वाले हिसाब नही मांगा करते।

Comments

B R said…
behtareen... bahut hi umda...
B R said…
behtareen... bahut hi umda...
S.s said…
Literally u written gracefully of this poem
Shreya said…
Such a lovely interpretation of feelings!
Just flawless!!!
Shunya said…
This comment has been removed by the author.
Shunya said…
dukh hai bhasha me, vichar me aur bhavna me... kisi apne ke lie gussa hai aur bechargi bhi. bandha hua hai...kuch.
khul jaiye..openness acha hai.

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