Thursday, 11 February 2016


रहिशियत का पता
जेब के भारी होने से पता चलता तो
हर माँ गरीब होती
और हर इश्क़ बेजार होता।


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माँ

  इस दुनिया में आने का   एक ही तयशुदा माध्यम  पहली किलकारी और रुदन का  एक तय एहसास  अगर भाग्यशाली हैं तो  पहला स्पर्श  पहला स्तनपान  पहला मम...