आप के होने और बन्ने में कई लोगो का सहयोग होता है। हम कितनी दफे सोचते है पर उनसे कह नही पाते जो हम कहना चाहते है। वैसे तो मेरे जान पहचान के बहुत लोग इस पेज को नही पढ़े शायद, फिर भी मैं आप सबको शुक्रिया कहना चाहती हूँ। ज़्यादा बातें नहीं करुँगी। बहुत कम होता है जब मैं शांत रह कर कम शब्दों में आपसे कुछ कहू। आज उनमे से एक है। आप इसे पढ़े तो बस मुस्कुरा के मुझे याद कर लीजियेगा इससे मेरी कई बदमाशियां शैतानियाँ गलतियां माफ़ हो जायेगी। आपसे माफ़ी मांगना नही चाहती। बड़ा फक्र है कि मेरे पास आप है या कभी थे और आज नहीं है सामने।
मेरी ज़िन्दगी के हिस्से में अपनी ज़िन्दगी को जोड़ने का शुक्रिया।

अभी सुना एक ग़ज़लकार को....
 परखना मत....परखने से कोई अपना नही रहता
आईने में चेहरा हमेशा नही रहता...

Comments

Unknown said…
so true and beautiful!!!!!

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