Friday, 15 January 2016

जब वो चुप होता है
मैं और बोलने लगती हूँ
वो कहता है
मेरे पास लिखने को 'तू' है
मेरी डायरी
और उसके पास...
उसे कौन समझाए
जब वो नहीं सुनता
मैं और बोलने लगती हूँ
जब वो नही बोलता
मैं और लिखने लगती हूँ।

2 comments:

Pankaj Dixit said...

कुछ कुछ समझ आया बहुत कुछ नही...कैसे प्रतिक्रिया दूँ???

Pankaj Dixit said...

कुछ कुछ समझ आया बहुत कुछ नही...कैसे प्रतिक्रिया दूँ???

 दुनिया में तमाम उलझने  बगावत सितम के किस्से और ज़ुल्म हैं  मेरे अपने इश्क़ और इंतज़ार की नज़्मों ने जगह रोक रखी है  हैरान हूँ अपनी दीद पर  ...