Sunday, 22 February 2015

  मेरे पास हर टुकड़े पर उसे पूरा करने की खता करने वाला एक शख़्स मौजूद था    मौशिक़ी हो या हिमाक़त  शिक़वा हो गया माज़रत  हसना हो सखियों संग ...