Friday, 6 February 2015

ranjishe hi sahi dil dukhane ke liye aa....
courtesy: Youtube





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 दुनिया में तमाम उलझने  बगावत सितम के किस्से और ज़ुल्म हैं  मेरे अपने इश्क़ और इंतज़ार की नज़्मों ने जगह रोक रखी है  हैरान हूँ अपनी दीद पर  ...