दस दिन की कहानी साल भर में तब्दील हो गयी
वो दोस्ती प्यार में तब्दील हो गयी।
हसी खिलखिलाहट में
खिलखिलाहट गुदगुदाहट में
शर्माना आदत में
आदत शर्माने में तब्दील हो गयी
वो दोस्ती प्यार में तब्दील हो गयी।
होठों से आँखों का सफर
बिस्तर की सिलवट में तब्दील हो गया
जब लड़ना और शर्माना एक साथ हो गया
ये मुलाकात जब आदतो में तब्दील हो गयी
घडी की सुइयों सा मिलना बिछड़ने में तब्दील हो गयी
वो दोस्ती जब प्यार में तब्दील हो गयी।
जब यादों में साथ
साथ बातों में तब्दील हो गए
हर मोड़ का कोना
मिलने के अड्डो में तब्दील हो गए
ये कब हुआ कि
मैं कुछ तुम और तुम कुछ मैं में तब्दील हो गए
जब वो दोस्ती प्यार में तब्दील हो गयी।
मेरी महक तेरी साँसों में तब्दील हो गयी
तेरी आँखे मेरी मुस्कराहट में तब्दील हो गयी
ज़िन्दगी के मक़सद में तेरी हाज़िरी
इस आरज़ू में एक काफ़िर की
बदसलूकी बंदगी में तब्दील हो गयी
जब दस दिन की दोस्ती साल भर के प्यार में तब्दील हो गयी।
आज अगले साल में फिर से दोस्ती में तब्दील हो गयी
इन तब्दीलियों में 'देसी' अपनी पहचान खोज रही
एक साल में 'देसी' 'गम्मो' में तब्दील हो गयी।
वो दोस्ती प्यार में तब्दील हो गयी।
हसी खिलखिलाहट में
खिलखिलाहट गुदगुदाहट में
शर्माना आदत में
आदत शर्माने में तब्दील हो गयी
वो दोस्ती प्यार में तब्दील हो गयी।
होठों से आँखों का सफर
बिस्तर की सिलवट में तब्दील हो गया
जब लड़ना और शर्माना एक साथ हो गया
ये मुलाकात जब आदतो में तब्दील हो गयी
घडी की सुइयों सा मिलना बिछड़ने में तब्दील हो गयी
वो दोस्ती जब प्यार में तब्दील हो गयी।
जब यादों में साथ
साथ बातों में तब्दील हो गए
हर मोड़ का कोना
मिलने के अड्डो में तब्दील हो गए
ये कब हुआ कि
मैं कुछ तुम और तुम कुछ मैं में तब्दील हो गए
जब वो दोस्ती प्यार में तब्दील हो गयी।
मेरी महक तेरी साँसों में तब्दील हो गयी
तेरी आँखे मेरी मुस्कराहट में तब्दील हो गयी
ज़िन्दगी के मक़सद में तेरी हाज़िरी
इस आरज़ू में एक काफ़िर की
बदसलूकी बंदगी में तब्दील हो गयी
जब दस दिन की दोस्ती साल भर के प्यार में तब्दील हो गयी।
आज अगले साल में फिर से दोस्ती में तब्दील हो गयी
इन तब्दीलियों में 'देसी' अपनी पहचान खोज रही
एक साल में 'देसी' 'गम्मो' में तब्दील हो गयी।
6 comments:
बहुत सुंदर .
नई पोस्ट : मनुहार वाले दिन
धन्यवाद राजीव जी :-)
वाह जी अति उत्तम खास कर ये पंक्तियाँ को लाजवाब हैं
मैं कुछ तुम और तुम कुछ मैं में तब्दील हो गए
जब वो दोस्ती प्यार में तब्दील हो गयी।
full of negative thoughts. if there were some positive thoughts it could have become a good poem. :)
सत्येंद्र पूरी कहानी कविता में ज़िन्दगी के कई खूबसूरत पल है...इस लंबे सफ़र में पॉजिटिव नेगेटिव तो रहेगा ही। अपने हिसाब से सफ़र का लुत्फ़ उठाये।
आभार संजय जी:-)
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