Friday, 17 January 2014

Kehna Chahti Hu...: गूंगे के बोल

Kehna Chahti Hu...: गूंगे के बोल: क्यों उसकी अस्मत लुटने से ही, तेरा गुस्सा जलने लगता है।  गूंगे की फ़ड़फ़ड़ाहट से क्यू, तुझे एहसास होने लगता है. कही वो भूले चेहरे उसे य...

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 दुनिया में तमाम उलझने  बगावत सितम के किस्से और ज़ुल्म हैं  मेरे अपने इश्क़ और इंतज़ार की नज़्मों ने जगह रोक रखी है  हैरान हूँ अपनी दीद पर  ...