बड़ा करने के लिए सोच बड़ी रखते है
क्यों हम 'क्या सोचे' इसी में खोये रहते है
आज हर कोई परेशान है
बड़ा बनता हर इंसान है
माइक्रो काम और मैक्रो रिजल्ट
हर किसी की पहचान है।
मंगल चाँद पे कदम पड़े नहीं कि
वहां घर बसाने के प्लान है
देश इकॉनमी हर कोई जाने
रुपया डॉलर हर कोई पहचाने
चाय की चुस्की में बनाते देश का परिणाम है
ये जनता विचारो का भण्डार है।
ग्लोबल लोकल अब ग्लोकल बना
हिंदी गानो पे अंग्रेजी तान है।
नए नियमो पे रखते है निगाहें
ये आज के यूथ की पहचान है
सब फेसबुक और गूगल की कारिस्तान है।
स्कीम वर्ल्ड फेमस कितनी इंडिया में
गिनाते नेता आज हर भाषण में
इलेक्शन का बुखार है भैया
जनता भी साजो हथियार है।
करप्शन से है बेहाल
साथ हो रहे मालामाल
रोज़ हो रहे आज कल अदालत में नए विचार
सेक्शन 8(4), आर पी एक्ट बदलने से
उम्मीद फिर इस बार है।
थक गया ये नागरिक
कितना बतलायेगा
अब तो NOTA भी इसका औजार है।
नहीं चाहिए पार्टी
ना कोई नेता
अब तो भारत के लाल की पुकार है
अब तो भारत के लाल की पुकार है।
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