Saturday, 26 October 2013

Kehna Chahti Hu...: waqt k nishaan

Kehna Chahti Hu...: वक़्त की हर चाल समझते रहे और हम भी बाजी चलते रहे ...: वक़्त की हर चाल समझते रहे और हम भी बाजी चलते रहे , कभी हम जीते तो कभी मात दे गया वो हमे.… पर वो कभी न रुका और ना ही हारा, जब हम जीते तो...

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माँ

  इस दुनिया में आने का   एक ही तयशुदा माध्यम  पहली किलकारी और रुदन का  एक तय एहसास  अगर भाग्यशाली हैं तो  पहला स्पर्श  पहला स्तनपान  पहला मम...