Saturday, 26 October 2013

Kehna Chahti Hu...: waqt k nishaan

Kehna Chahti Hu...: वक़्त की हर चाल समझते रहे और हम भी बाजी चलते रहे ...: वक़्त की हर चाल समझते रहे और हम भी बाजी चलते रहे , कभी हम जीते तो कभी मात दे गया वो हमे.… पर वो कभी न रुका और ना ही हारा, जब हम जीते तो...

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 दुनिया में तमाम उलझने  बगावत सितम के किस्से और ज़ुल्म हैं  मेरे अपने इश्क़ और इंतज़ार की नज़्मों ने जगह रोक रखी है  हैरान हूँ अपनी दीद पर  ...