तुम्हारा नाम क्या है?
अमरमणि
और तुम?
हम गीता
पूरा नाम बताओ
हाँ, गीता राधा
राधा हमारी अम्मा बुलाये और गीता पिता जी
हम अमरमणि यादव
अच्छा जी
हम सोचे त्रिपाठी
(अट्टहास)
वैसे तो फिर गीता राधा कुर्मी
अच्छा अच्छा
कौन गाँव से हो ?
कुर्मियाने का पुरवा
वही ना, चमरउटी के पीछे
और तुम अमरमणि त्रिपाठी?
हम ठकुराने के बग़ल वाले में
हो तो अहीर ना यार तुम!
हाँ हाँ जी
सिंह भी लगाते हो क्या?
नहीं नहीं हमारे चाचा लगाते हैं
इलेक्शन लड़ोगे का?
नहीं नहीं, वो मुलायम के टाइम से लगा रहे हैं
और तुम सब
हम सिर्फ़ यादव
तो अमरमणि सिर्फ़ यादव जी…
(अंदर बेल की तेज आवाज़ आयी)
गुरु जी तेज़ आवाज़ में
अरे बच्चों को हस्ताक्षर करा के जल्दी भेजिए अंदर
लेट हो रहा है
सामने ब्लैकबोर्ड पर लिखा है
“संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर सामाजिक समानता पर निबंध प्रतियोगिता”
गीता कुमारी - प्रेजेंट सर
अमरमणि यादव - प्रेजेंट सर
सिद्धार्थ पासी - प्रेजेंट सर
शिवनारायण त्रिवेदी - प्रेजेंट सर
…….
1 comment:
प्रयास जाति या वर्ण को समाप्त करने का नहीं परंतु उन “भ्रांतियों” को समाप्त करने का होना चाहिए जो फैलायी गयी “जातिवाद” जैसे पैरासाइट को जन्म देने के लिए।
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