Saturday, 29 July 2023

वो तुम्हारे हैं

 उसने दूरी बनायी 

और दिल सबसे दूर हो गया 

वो लोग हैं 

जो मेरे बिना अकेले से थे 

उनसे दूर 

किसी के चले जाने का ग़म सींच रही थी 

किसी के अलगाव को 

ख़ुद नापसंद बन सबसे अलग हो रही थी 

वो कहने लगे 

कि काम होगा उसे आजकल

फ़ोन नहीं आता उसका 

वो बिस्तर में सिर घुसाये 

ना छत देखती ना दीवार 

मुँह पर परछाई बने फूलों को ताका करती 

क्या दिन क्या रात 

सब यूँही बिस्तर में गड्ढा बनाते 

हड्डी और मांस में लिपटे 

बंद डब्बा दिमाग़! 

सब कहने लगे कि

काम बहुत है उसको 

इसलिए अब फ़ोन भी नहीं उठाती सबका 

घंटियाँ बजती 

वो खुली आंखों से देख 

तकिया में घुसा आँख को अंधेरे में सुला देती 

पर ये कोशिश ही रह जाती 

सब कहने लगे कि

चेहरा काला पड़ने लगा है 

आँखों के नीचे गड्ढा होने लगा है 

काम बहुत ज़्यादा है उसे 

एक दिन उजाले में उसने बात की थी उनसे 

वो फिर धड़कनों के रुकने 

मौत के आ जाने 

और ख़ुद की लाश बन जाने के इंतज़ार में 

बिस्तर पर थके शरीर को साँस लेना सीखा रही थी। 

घंटी बजी और फिर कहा उन्होंने 

काम कर रही होगी अभी। 


बात

 जब दो लोग एक दूसरे से कहने लगे 

 बात करने को कुछ ना बचा 

क्या बात करें! 

क्यों बात बात बात करनी है 

तो सच में कहने को कुछ ना बचा उनके बीच

पर किसने कह दिया उन्हें 

बातें सिर्फ़ ज़ुबान करती है

शब्दों से ही होती है बातें 

भाई, सिले होंठ दास्तान बयान कर जाते हैं 

आँखें करती हैं बातें

भौंहों का सिकुड़ना, हाथों का छूना

साथ होने का सुकून 

बहुत सी बात करता है 

फिर सवाल आया ग़ुस्से में 

पर भई क्या बात करनी है? 

साँसों में पिरो लेना है 

इतना कि

मेरी धड़कन अपना पता दे जाए 

इस हद तक रहना है तुममें 

और तुमको ख़ुद में 

बात तो मुझे भी नहीं पता 

क्या करनी होती है! 

ना घर की ना दुकान की 

ना ज़मीन की ना ईमान की 

ना पड़ोस की ना असमान की 

ना नज़रों की ना नज़ारों की 

या दुनिया की ना दावेदारों की 

इस बार झल्लाहट आयी एकदम तेज़ हवा सी 

कि भई समझा तो दो 

कि क्या बात करनी है? 

क्या बात करना चाहती हो? 

जो हर वक़्त यही रट लगाये रहते हो? 

अंदर कुछ ज़ोर ज़ोर से कह रहा था 

जवाब में शायद 

बाहर सन्नाटा था 

कि जैसे कोई बात ही ना हो! 





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“हमको घर जाना है” अच्छे एहसास की कमतरी हो या दिल दुखाने की बात दुनिया से थक कर उदासी हो  मेहनत की थकान उदासी नहीं देती  या हो किसी से मायूसी...