Saturday, 2 April 2022

नाकाम तरीक़े

किसी ने बताया कि मेरे तरीक़े में नाकामी है

मोहब्बत में स्टैंडर्ड नहीं 

और काम में पूरा दिल नहीं 

बातों में ज़्यादा है सब कुछ 

चुप्पी में मासूमियत नहीं 

रोने में उस्तादी मिली हो जैसे 

हंसने में साथी का हिसाब नहीं 

इज़्ज़त करने में अपने गांव की छाप मिली है

एहसास में बचपन का देसीपन 

बीमारी ख़ानदानी ले चली हूँ

सोच में मंद बुद्धि 

बस बात करना आता है

और वो तो मेरे देस की माटी का हुनर हैं 

और अब पता चला कि

नाराज़ होने का तरीक़ा भी सीखना होगा 

वो भी नही आता मुझको 


सवाल आता है मन में 

क्या तरीक़ों में इतनी ख़राबी थी 

या कोई अच्छा पढ़ा लिखा मिला ही नहीं 

जो बता सके कि मैं किसी क़ाबिल नहीं 

सीखना होगा सब 

गर जीना चाहूँ इज़्ज़त के साथ, 

पर दिल मानता नहीं 

वो मोहब्बत भी क्या

जिसके क़द बनाने को सीखना पढ़ जाए 

वो इश्क़ ही क्या 

जिसके तकरार और इकरार

सिर्फ़ जताने के हो

साथ एक क्लास सी लगे 

कहाँ हमसफ़र ही मास्टर और शागिर्द से रहे 

हाँ सीखते है हम वक्त बे वक्त 

पर तालीम लेना ही मक़सद हो जाए 

ये कम गँवारा था मुझे

इश्क़ में भूल जाते है पहचान 

यहाँ मुझे पहचान बनाने और खोजने की ही जंग मिली है 

अब तो मोहब्बत ही नहीं नाराज़गी का तरीक़ा भी सीखना है मुझे 

दिल करता है कि अब अकेले ही मोहब्बत कर ली जाए 

अकेले ही नाराज़ हो के मना किया जाए 

कहते हैं कि ग़ुरूर है मुझमें

तो अब  इसका भी तरीक़ा सीखा जाए 

पर क्या ख़ाक आया निभाना मुझको भी

उसकी शिकायत को ही मैंने अपनी रेखा बना ली

पकड़ा के उसको साज ओ समान 

अपनी एक सूरत बनवा ली

और वही देख तस्वीर में ख़ुद को सजाती हूँ

वो फिर से कह गया 

अब तुम वैसे खूबसूरत नहीं 

1 comment:

Unknown said...

Usski masumiyat pyaar anokhi thi
Kismat bhi na ussi roki thi
Wqat ne saupe kch aise lamhe
Majburi aisi
Un lamho ko assuo se bahakar wo soti thi..
...
Moment to moment life menifest changes,
Showing its impermanence
Life is constant, only the situation changes.

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