मेरे मरने से तुम ज़िंदा हो जाओगे
मेरे दोस्त
आबाद हो जाओगे
हरियाली जन्मेगी
मेरी मौत के संग।
सच कहती हूँ,
इरादा भी रखती हूं
पर दो जान और भी है
जिनसे मैं जन्मी हूँ।
उनके आंगन मातम का किला
मैं अपने हाथों न बना पाउंगी।
कुछ जुगत निकालो
मार दो मुझे
ज़िंदा रख लो बस
मुस्कान भी भर देना
फिर किसी को कान ओ कान
खबर न लगेगी।
क्योंकि मैं जो हूं
वो किसी को पसंद नही।
न तुम्हे न उन्हें
न अपनो में
न गैरों में।
जीने की तमन्ना भी नही
बस यूं ही
जो है सो है।
अब तुमसे मेरी मोहब्बत भी
किराने की दुकान पे पड़े
गुड़ जैसी है
दाम लगता तो है
पर उठती मिश्री है, आखिर में।
मौत मांगती हूँ अपनी
दुआओं में
जितना उनसे प्यार है
उससे ज़्यादा तुमसे है
तुम्हे अपने साथ पा
सिर्फ मुरझाया हुआ पाती हूँ
स्वार्थी हूँ
तभी बदल नही पायी।
मेरा प्यार तुम्हे छुआ नही पायी
मैं जो हूं
वो अच्छी नही, दोस्त।
मार डाल,
फिर,
ज़िंदा रख और मुस्कुराना सीखा दे
इतने से काम से
न तो बदनाम होगा
न बर्बाद होगा
और मेरी मोहब्बत को
इस दुनिया मे इज़्ज़त नसीब हो जाएगी
और
कम से कम,
मैं मुस्कुराते हुए मरूँगी।
मेरे दोस्त
आबाद हो जाओगे
हरियाली जन्मेगी
मेरी मौत के संग।
सच कहती हूँ,
इरादा भी रखती हूं
पर दो जान और भी है
जिनसे मैं जन्मी हूँ।
उनके आंगन मातम का किला
मैं अपने हाथों न बना पाउंगी।
कुछ जुगत निकालो
मार दो मुझे
ज़िंदा रख लो बस
मुस्कान भी भर देना
फिर किसी को कान ओ कान
खबर न लगेगी।
क्योंकि मैं जो हूं
वो किसी को पसंद नही।
न तुम्हे न उन्हें
न अपनो में
न गैरों में।
जीने की तमन्ना भी नही
बस यूं ही
जो है सो है।
अब तुमसे मेरी मोहब्बत भी
किराने की दुकान पे पड़े
गुड़ जैसी है
दाम लगता तो है
पर उठती मिश्री है, आखिर में।
मौत मांगती हूँ अपनी
दुआओं में
जितना उनसे प्यार है
उससे ज़्यादा तुमसे है
तुम्हे अपने साथ पा
सिर्फ मुरझाया हुआ पाती हूँ
स्वार्थी हूँ
तभी बदल नही पायी।
मेरा प्यार तुम्हे छुआ नही पायी
मैं जो हूं
वो अच्छी नही, दोस्त।
मार डाल,
फिर,
ज़िंदा रख और मुस्कुराना सीखा दे
इतने से काम से
न तो बदनाम होगा
न बर्बाद होगा
और मेरी मोहब्बत को
इस दुनिया मे इज़्ज़त नसीब हो जाएगी
और
कम से कम,
मैं मुस्कुराते हुए मरूँगी।
2 comments:
Meri duniya
Meri baatein
Meri mazlis
Tera Kya hei...
Teri duniya
Teri baatein
Teri mazlis
Mera kya hei...
Saath rahein hum
Saath jiyein hum
Saath marein hum
Masla kya hei...
Pyaar Mujhe bhi
Pyaar tujhe bhi
Fir is sab Mein
Duvidha kya hei...
Bol de mujhko
Khol de khud ko
Sochon par phir
Pehra kya hei...
Waqt mile to
Mil lein hum bhi
Soch ise bhi
Sochta kya hei...
Kehna chahun
Kutchh tujhse to
Keh na sakun Mein
Aisa kya hei...
Keh de tu bhi
Jo mann Mein he
Saath hun tere
Marta kya hei...
Waqt Kate na
Saath Mere to
Kaat de mujhko
Karna kya hei...
Jo tu chahe
Raah badal le
Manzil Mein hu
Parwah kya hei...
Saath chalega
Saath rahega
Zannat doongi
Armaan kya hei...
Meri muhabbat
Teri muhabbat
Alag alag hei
Jhagda kya hei...
Meri duniya
Teri duniya
Mil jaayein to
Ye duniya kya hei...
Meri mazlis
Nazm teri ho
Fir harfon ke
Maani kya hei...
Teri mazlis
Baat meri ho
Fir khwabon Mein
Rakkha kya hei...
Aa Jaa jeelein
Mil ke dono
Alag alag ka
Karna kya hei...
Zinda hai aaj bhi
Iss jamn nhi
To agle janam hi sahi
Raahi hoon
Roshni ki zaroorat nahi
Aaj bhi wo hi khyal aata hai
Kahin tum wo toh nahi...
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