Wednesday, 11 July 2018

मेरे प्यार का चुनाव

दिन भर सुबह से शाम तक
पल पल बीत जाता है
सांसो के साथ
और दोनों हमसे हम उनसे
होते हुए भी मजबूरी से
बेजान दिन बिता जाते है
कल जो होगा
उसी का डर
उसी की खुशी
एक झगड़ा
एक शिकायत
एक चुप्पी
कई बिना वारिस की सांसें
बिना मालिक की धड़कने
एक नशा
एक खुमार
एक कोशिश
कई हँसी
और एक आँसू
जो नाम बदल
पता बदल
बार बार आता है
फिर आज क्या है
ये कोशिश, हँसी, रोना, शिकायत, नशा, धड़कने
फिर इन्ही से प्यार कर लूँ।
इस उदासी से
इस मायूसी से
इन इंतज़ार से
इस हर बार की हार के बाद भी जीत लेने के एहसास से
इस हिमालय सी हिम्मत से
और पठार के झुकाव सी जिद से
नया सीखने की ललक से
बदलाव के ऐतराज़ से
पुराने को अपने नए से बदलने की जद्दोजहद से
माँ के पेट से चिपक कर सोने
पापा से मन ही मन प्यार कर लेने से
और उस आंसू से
जो मेरे रिश्तों की अमावस्या पूर्णिमा दोनों है
ये आज प्यारा है
इससे प्यार होने लगा है
फिर से मैं मज़बूत कड़ी बन रही
इस खींचातानी से प्यार करु
या आने वाले हार जीत के हिसाब से ।
अभी लिखने में बीतती तस्वीरों से प्यार करू
या फिर तेरे पढ़ने के बाद के एहसास से।
मुझे अभी इससे प्यार हो रहा।
तुझे पसंद आना ना आना तेरी बात होगी।

Friday, 6 July 2018

आवारा पागल इश्क़

‌होता तो है पागलपन इश्क़ में
और होती आवारगी भी है
एक पागलपन आशिक़ी में हो
ये बदस्तूर होता चला आया है
और मान भी लिया है सबने
और ये होता हर प्यार में है।
आवारगी ऐसी कि
हँसी उबासी बन
दूर दूर दो होठो को
एक संग मुस्का दे
रोंगटे खड़े हो जाए
ऐसा एहसास जगा दे ।
फिर वो हँसी
चाल ढाल की भी
मोहताज हो जाती है
इश्क़ करने की ज़िन्दगी में।
जो कही वो जाने बाबत
उठा देता है सर
ये पागलपन
अंदर समाये इश्क़ में
खुद को महफूज़ पा लेता है
वो उसका साथ छोड़
अपने अंदर अपने इश्क़ की
दुनिया बस लेता है।
ताउम्र एक हसीन ख्वाब संजोये
यादो में शत प्रतिशत
अपनी मोहब्बत पा
उसमे एक आवारगी खोज लेता है।
इश्क़ पागल आवारा सब होता है
नासमझ बईमान झूठा
बदमाश नादान ज़िद्दी भी होता है।
इश्क़ दर्द हँसी याद आंसू का दोस्त होता है
वो सिर्फ 'उससे' ही नही
'तुमसे' भी हुआ है
ये इश्क़ आखों की इजाज़त का
गर्दन की हामी का
होठो के सलीको का मोहताज नही होता
बेशक ये आवारा और पागल ज़रूर होता है।


हमको घर जाना है

“हमको घर जाना है” अच्छे एहसास की कमतरी हो या दिल दुखाने की बात दुनिया से थक कर उदासी हो  मेहनत की थकान उदासी नहीं देती  या हो किसी से मायूसी...