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दुनिया में तमाम उलझने बगावत सितम के किस्से और ज़ुल्म हैं मेरे अपने इश्क़ और इंतज़ार की नज़्मों ने जगह रोक रखी है हैरान हूँ अपनी दीद पर ...
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