दुनिया में तमाम उलझने
बगावत सितम के किस्से और ज़ुल्म हैं
मेरे अपने इश्क़ और इंतज़ार की नज़्मों ने जगह रोक रखी है
हैरान हूँ अपनी दीद पर
जो मोहब्बत को मसला
और तमाम मसलों की ताबीर मानती है।
Post a Comment
इस दुनिया में आने का एक ही तयशुदा माध्यम पहली किलकारी और रुदन का एक तय एहसास अगर भाग्यशाली हैं तो पहला स्पर्श पहला स्तनपान पहला मम...
No comments:
Post a Comment