मरने के बाद तलाक नहीं ले सकते उससे
आज मेरा हिसाब का दिन आया है।
बेवक़्त बात नहीं कर सकते उससे
खोखली हो गयी वो
आज मेरा बोलने का दिन आया है।
इन्सान से गैरियत हैवानियत नहीं मांगते
ये उसका हुनर नहीं
आज मेरा इन्साफ करने का दिन आया है।
मरने के बाद तलाक नहीं ले सकते उससे
आज मेरा रोना समझ आया है।
आज मेरा दिन आया है।
Comments
aur ek msg ki apne apno sang har waqt fullet jiye..kya pata kal apk paas bolne karne ko rahe par apka apna sath ho ya nahi..iski guarantee nahi
:-)
abhar..!!
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