जब आप लोगों से दूर होते है
तो खुद के करीब होते है
जब खुद से दूर होते है
तो खुद के करीब होते है
सांस लेना
क्या गज़ब है ना
याद ही नही रहता
कभी आईने को देखा है
आईने में खुद को नही
आईने को देखा है
आईने बात तो करते है कविताओं में
हाल भी पूछ लिया करते है
शक्ल देख लेते हो
पर क्या कभी उसे देखा
उसी के सामने खड़े हो के
मैंने देखा
कागज़ से आईने को
रगड़ते रगड़ते
नज़र आईने पे गयी
न मैं थी
न कोई साया
आईना दिखा और
उसपे लगे धब्बे
एकदम साफ़ दिखाई दे रहे थे
दागदार धब्बे
आईने की सफाई में।
खुद को साफ करे?
खुद को देख पाएं शायद
मेरी ये बातें
समझ भी उन्ही को आएगी
जिन्होंने कभी आईना साफ किया हो।
तो खुद के करीब होते है
जब खुद से दूर होते है
तो खुद के करीब होते है
सांस लेना
क्या गज़ब है ना
याद ही नही रहता
कभी आईने को देखा है
आईने में खुद को नही
आईने को देखा है
आईने बात तो करते है कविताओं में
हाल भी पूछ लिया करते है
शक्ल देख लेते हो
पर क्या कभी उसे देखा
उसी के सामने खड़े हो के
मैंने देखा
कागज़ से आईने को
रगड़ते रगड़ते
नज़र आईने पे गयी
न मैं थी
न कोई साया
आईना दिखा और
उसपे लगे धब्बे
एकदम साफ़ दिखाई दे रहे थे
दागदार धब्बे
आईने की सफाई में।
खुद को साफ करे?
खुद को देख पाएं शायद
मेरी ये बातें
समझ भी उन्ही को आएगी
जिन्होंने कभी आईना साफ किया हो।